Wednesday, September 19, 2012

सम्मान

गाँव के एक क्लब की ओर से सेमीनार करवाने का फैसला लिया गया । क्लब के अध्यक्ष और कुछ स्दस्य सेमीनार के बारे में राजनेताओं, समाजसेवियों और पत्रकारों को बताने के लिए शहर गए । एक पत्रकार से क्लब के अध्यक्ष ने निवेदन किया, 'हम क्लब की ओर से सेमीनार करवा रहे हैं, कवरेज के लिए आपको पधारना है ।' 'किस दिन' ? ना जी, उस दिन तो समय बिलकुल नहीं । मंत्री जी का दौरा है और.....।' 'हमें पता है जी, वह तो सुबह आ रहे हैं । हमने प्रोग्राम शाम का रखा है ।' अध्यक्ष जी बोले । 'ओह तो भी, मंत्री जी की कवरेज के बाद ओर बहुत कुछ चलता रहता है, इसलिए समय नहीं निकल पाएगा ।' 'हमने भी प्रोग्राम के बाद बहुत कुछ रखा है, जनाब ।' 'अध्यक्ष जी आप साफ साफ क्यों नहीं बताते, छुपाए क्यों जाते हो ?' क्लब के सदस्य ने कहा । 'दरअसल उस दिन आप का सम्मान भी करना है ।' 'अच्छाअच्छों चलो निकाल लेंगे समय ।' पत्रकार की आवाज थोड़ी बदली हुई थी । 'यह तो आप को पता ही होगा कि सम्मान में ग्यावह सौ रुपए, शाल और मोमैंटो आदि भी होगा ।' क्लब के अन्य सदस्य ने बीच में ही कहा । 'ओह जी कोई ना, मै......आप चिंता न करो, मेरे और साथी पत्रकार भी आएंगे । मैं कह दूंगा, पूरी कवरेज होगी ।'

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